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बेलपत्र खाने के फायदे

Written by

Team Lo! food

Medically Reviewed

Surabhi KS

Nutritionist | Diabetes Educator

बेलपत्र, जिसे अंग्रेजी में Bael Leaves और वैज्ञानिक नाम Aegle marmelos के नाम से जाना जाता है, भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह वृक्ष भारत, श्रीलंका और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में पाया जाता है। बेलपत्र को विशेष रूप से धार्मिक पूजा अर्चना में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ भी बहुत अधिक हैं। बेलपत्र के रस, पत्तियां और फल का सेवन अनेक स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।

बेलपत्र खाने के फायदे 

आइए जानते हैं बेलपत्र खाने के फायदे:

पाचन क्रिया को सुधारता है

बेलपत्र में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह कब्ज, गैस, और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में प्रभावी है। बेलपत्र का सेवन पेट की शुद्धि करता है, और यह आंतों के बैक्टीरिया को संतुलित रखता है, जिससे पाचन प्रणाली सही तरीके से काम करती है।

डायबिटीज़ को नियंत्रित करता है

बेलपत्र रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स शरीर में इंसुलिन के स्तर को संतुलित करते हैं, जिससे डायबिटीज़ के मरीजों को रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। नियमित रूप से बेलपत्र का सेवन करने से शरीर में शर्करा का स्तर प्राकृतिक रूप से कम रहता है।

पेट के संक्रमण से राहत

बेलपत्र में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो पेट में होने वाले संक्रमण से बचाव करने में मदद करते हैं। यह आंतों के बैक्टीरिया को नष्ट करने, पेट के अल्सर को ठीक करने और दस्त की समस्या से राहत देने में सहायक है।

दिल की सेहत को बढ़ावा देता है

बेलपत्र का सेवन हृदय की सेहत को बढ़ावा देता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स दिल के रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखते हैं और रक्तदाब को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही, यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी सहायक है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा घटता है।

रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाता है

बेलपत्र का सेवन शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक है। इसमें मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को संक्रमण और बैक्टीरियल संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। यह मौसमी बिमारियों जैसे सर्दी, बुखार, फ्लू और अन्य वायरल इन्फेक्शन से भी बचाव करता है।

त्वचा के लिए फायदेमंद

बेलपत्र में त्वचा के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। इसका सेवन त्वचा को निखारता है और मुंहासों, कील-मुहांसों और अन्य त्वचा रोगों से राहत देता है। इसके अलावा, बेलपत्र का पेस्ट लगाने से त्वचा में ठंडक मिलती है और जलन या दाने की समस्या में राहत मिलती है।

लिवर और किडनी के लिए लाभकारी

बेलपत्र का सेवन लीवर और किडनी की सेहत को सुधारने में सहायक होता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और शरीर के अंगों की सफाई करता है। इसके नियमित सेवन से लिवर में सूजन और किडनी की समस्याएं दूर होती हैं।

बेलपत्र की गुणवत्ता कैसे बढ़ाएं?

बेलपत्र की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कुछ प्रमुख उपाय हैं, जो पौधे की बेहतर वृद्धि और पोषण मूल्य को प्रभावित करते हैं। इन उपायों को अपनाने से बेलपत्र के पत्ते अधिक पोषक तत्वों से भरपूर, ताजे और स्वास्थ्यवर्धक बन सकते हैं।

  • धूप: बेल के पेड़ को पर्याप्त धूप चाहिए, जिससे पत्ते स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
  • समय-समय पर सिंचाई: बेल के पौधे को न ज्यादा पानी और न ही कम पानी देना चाहिए। अधिक पानी से जड़ सड़ सकती है, जबकि कम पानी से पत्ते सूख सकते हैं।
  • ड्रिप इरिगेशन: यदि आप एक बड़े क्षेत्र में बेल के पेड़ उगा रहे हैं, तो ड्रिप इरिगेशन प्रणाली का उपयोग करें, जो पानी को सीधे जड़ों तक पहुंचाती है और पानी की बर्बादी को रोकती है।
  • जैविक कीटनाशक: रासायनिक कीटनाशकों के बजाय जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें, जैसे नीम का तेल, मिर्च-लहसुन का स्प्रे, या एफिड्स के लिए बत्तख का दूध। 
  • रोगों की रोकथाम: बेल के पेड़ में फंगल इंफेक्शन का खतरा रहता है। इसलिए, पत्तियों को सूखा रखें और सही समय पर फंगल कंट्रोल उपाय करें।
  • पत्तों की कटाई का सही समय: बेलपत्र को तब काटें जब पत्ते पूरी तरह से विकसित हो जाएं और उनका रंग हरा और ताजे हो। ताजे बेलपत्र में अधिक पोषक तत्व होते हैं।
  • नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटेशियम: ये तीन मुख्य पोषक तत्व हैं जो बेलपत्र के पौधे की स्वस्थ वृद्धि में मदद करते हैं। पौधों में इनका सही अनुपात बनाए रखें।
  • छंटाई: बेल के पेड़ को समय-समय पर छांटें, ताकि यह ज्यादा शाखाएं न फैलाए और ऊर्जा पत्तियों की गुणवत्ता बढ़ाने में खर्च हो। छंटाई से हवा की अच्छी आवाजाही होती है और पत्तों को ज्यादा सूरज की रोशनी मिलती है।

बेलपत्र का सेवन कैसे करें?

बेलपत्र को विभिन्न रूपों में खाया जा सकता है:

  • ताजे बेलपत्र का रस: बेलपत्र को अच्छे से धोकर उसका रस निकाल लें। इसे खाली पेट सुबह पीने से पाचन और इम्यूनिटी दोनों में सुधार होता है।
  • पत्तियों का पेस्ट: बेलपत्र की पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे त्वचा पर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है।
  • चाय: बेलपत्र की पत्तियों को उबालकर चाय बना सकते हैं। यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
  • सूखा पाउडर: सूखी बेलपत्र की पत्तियों को पीसकर पाउडर बना सकते हैं और इसे शहद के साथ सेवन कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

बेलपत्र एक प्राकृतिक औषधि है, जो न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी बहुत अधिक हैं। पाचन, रक्त शर्करा नियंत्रण, हृदय की सेहत, और मानसिक शांति के लिए बेलपत्र का सेवन बेहद लाभकारी है। अगर आप स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं और प्राकृतिक उपायों की तलाश में हैं, तो बेलपत्र को अपनी दिनचर्या में शामिल करना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

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